बोलो श्री राम! चलो, आज बात करते हैं अयोध्या के उस भव्य मंदिर की, जिसका नाम सुनते ही भारत के करोड़ों लोगों के दिल में श्रद्धा और उत्साह का संचार हो जाता है – श्री राम जन्मभूमि मंदिर!
अयोध्या की पवित्र धरती पर सरयू नदी के तट पर बन रहा ये मंदिर सिर्फ ईंट-गारे का बना हुआ कोई ढांचा नहीं है, बल्कि सदियों की आस्था, समर्पण और संघर्ष का प्रतीक है। ये वही स्थान है जहां, हिंदू धर्म के मानने वालों का विश्वास है कि भगवान राम का जन्म हुआ था।
मंदिर का निर्माण राजस्थान के पिंक सैंडस्टोन से किया जा रहा है। तीन मंजिला मंदिर में पांच गुंबद होंगे, जो भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को समर्पित होंगे। गर्भगृह में भगवान राम की बाल रूप की मूर्ति स्थापित होगी, जिसे नेपाल से लाए गए विशेष शालिग्राम पत्थर से तराशा गया है।
मंदिर परिसर में रामकथा कुंज, एक वेद शाला, एक पुस्तकालय, एक यात्री निवास और एक संग्रहालय भी बन रहा है। ये परिसर न सिर्फ आध्यात्मिक स्थल होगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और विरासत का भी जश्न मनाएगा।
मंदिर निर्माण का इतिहास काफी लंबा और जटिल रहा है। सदियों से चले आ रहे विवादों के बाद 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ। तब से देशभर के करोड़ों राम भक्तों के सहयोग से मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है।
22 जनवरी 2024 को मंदिर में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा का समारोह आयोजित होने वाला है। इस पवित्र अवसर पर देशभर से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। मंदिर के लोकार्पण को न सिर्फ एक धार्मिक आयोजन, बल्कि भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में देखा जा रहा है।
तो, ये था अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर की कहानी। एक ऐसी कहानी, जो सदियों की आस्था, धैर्य और संघर्ष की याद दिलाती है। मंदिर के निर्माण के साथ ही, ये उम्मीद की जा रही है कि सदियों से चले आ रहे सांप्रदायिक तनाव कम होंगे और भारत में भाईचारे और सद्भावना का एक नया अध्याय शुरू होगा।
Ram Mandir Nirmanta
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माता श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट हैं। इस ट्रस्ट की स्थापना 2019 में हुई थी और इसका उद्देश्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य देखना था। ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास हैं और ट्रस्ट के सदस्यों में कई प्रमुख हिंदू धार्मिक नेता और राजनेता शामिल हैं।
ट्रस्ट ने मंदिर के निर्माण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित वास्तुकारों ने भाग लिया था। इस प्रतियोगिता में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार की डिजाइन को विजेता घोषित किया गया था। सोमपुरा परिवार पिछले कई शताब्दियों से मंदिरों का निर्माण कर रहा है और उनके द्वारा बनवाए गए मंदिरों में विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर भी शामिल है।
ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए एक विशाल बजट निर्धारित किया है, जो लगभग 1000 करोड़ रुपये है। मंदिर निर्माण में देशभर के करोड़ों राम भक्तों ने अपना सहयोग दिया है। मंदिर निर्माण के लिए दान के रूप में करोड़ों रुपये और लाखों घन मीटर पत्थर इकट्ठा किया गया है।
मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि 22 जनवरी 2024 को मंदिर में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा का समारोह आयोजित होगा।
इस प्रकार, श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माता श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट हैं, जिसकी अध्यक्षता महंत नृत्य गोपाल दास कर रहे हैं। मंदिर निर्माण के लिए सोमपुरा परिवार की डिजाइन को चुना गया है और मंदिर निर्माण में देशभर के करोड़ों राम भक्तों ने अपना सहयोग दिया है।
Ram Mandir ko bnane me laga kharch
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में अब तक 900 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। मंदिर निर्माण का बजट 1000 करोड़ रुपये है, लेकिन ट्रस्ट के पास अभी भी 3000 करोड़ रुपये से अधिक का धन है।
मंदिर निर्माण के लिए दान के रूप में करोड़ों रुपये और लाखों घन मीटर पत्थर इकट्ठा किया गया है। मंदिर निर्माण में देशभर के करोड़ों राम भक्तों ने अपना सहयोग दिया है।
मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि 22 जनवरी 2024 को मंदिर में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा का समारोह आयोजित होगा।
इस प्रकार, श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में अब तक 900 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और मंदिर निर्माण का पूरा बजट 1000 करोड़ रुपये है।
Add a Comment